Haryana: धड़ल्ले से बना रहे थे फर्जी दस्तावेज मात्र छह साल में करोड़पति बना साहिल जैन, आस पास के पड़ोसी प्रदेशों तक मे फैला था नेटवर्क!

0
384

AIN NEWS 1 Haryana: बता दें पानीपत में अटल सेवा केंद्र में पिछले छह साल से अलग अलग फर्जी दस्तावेज बनाने का पूरा खेल चल रहा था। इसके सरगना साहिल जैन अपने साले समेत ही तीसरे आरोपी के साथ अभी तक करोड़ों रुपये कमा चुका है। पुलिस की ही प्राथमिक जांच में यह सच सामने आया कि आरोपी अटल सेवा केंद्र पर आने वाले लोगों के दस्तावेजों की कॉपी लेकर उनसे ओटीपी पूछकर फर्जी बैंक खाते तक भी खुलवा चुका है।

इस पूरे मामले में ही फर्जी पासपोर्ट की संलिप्तता पर भी पुलिस अभी कर रही पूछताछ

माना तो यह जा रहा है कि इनसे साइबर क्राइम की कई वारदातों को अंजाम दिया जा रहा था, पुलिस इस एंगल पर भी अपनी लगातार पूछताछ कर रही है। आईबी की टीम ने भी इसी दिशा में इन आरोपियों से कड़ी पूछताछ की है। इनके तार आस पास के पड़ोसी प्रदेशों तक भी फैले हुए थे। अभी कयास लगाए जा रहे है कि पानीपत में इनकी रिमांड खत्म होने के बाद दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ की टीम भी इन आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर अपने साथ लेकर आ सकती है।

इन आरोपियों ने काफ़ी कम आयु वाले लोगों की भी पेंशन बनवाई है

पुलिस की प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि ये आरोपी फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और आयुष्मान कार्ड के अलावा भी बुढ़ापा पेंशन से लेकर विधवा पेंशन तक फर्जी बनवाने का ठेका लेते थे। इन आरोपियों ने काफ़ी कम आयु वाले लोगों की भी पेंशन बनवाई हैं। अब इन सभी से पुलिस इस दिशा में भी पूछताछ कर रही है। इसके अलावा ये आरोपी फर्जी पासपोर्ट की संलिप्तता में भी सामने आ रही है। मिले सूत्रों के अनुसार ये आरोपी सेंटर पर आए लोगों को कहते थे कि उन्हें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए किसी भी शहर के चक्कर भी नहीं काटने होंगे, वह यहीं से ही उनका पूरा काम करा देंगे। सीआईए अब पासपोर्ट वाली दिशा में भी इस आरोपियों से कड़ी पूछताछ कर रही है।

इनके पास मुहर का असली या नकली होने का भी बड़ा सवाल

इन आरोपियों के पास से पटवारी, नंबरदार व जिन भी पार्षदों की मुहर मिली है, अब सवाल ये है कि क्या यह मुहर असली है और क्या इन अधिकारियों को उनकी मुहर के बारे में पूरी जानकारी थी भी या नहीं। आरोपियों को यह मुहर आख़िर कहां से मिली, कहां से बनवाई या किस ने इनको यह मुहैया कराई। इन आरोपियों के तार आख़िर कहां-कहां जुडे हुए है, इन सब दिशा में पुलिस अब पूछताछ कर रही है।

इनके यहां पोस्टर पर थे सरकारी रेट, चलाते थे अपनी मनमर्जी

इन आरोपियों के अटल सेवा केंद्र पर वैसे तो हर सरकारी दस्तावेज बनवाने के सरकारी रेट की एक लिस्ट लगी हुई थी। जिनमें 10 रुपये से अधिकतम 50 रुपये तक ही लिखे हुए थे, लेकिन ये आरोपी अपनी मनमर्जी से ही लोगों से रुपये लिया करते थे। और इसका विरोध करने पर लोगों को ये कहते थे कि इतना स्टाफ यहां रखा है, आखिर इसकी तनख्वाह कहां से निकलेगी।

संबंधित अधिकारी के अनुसार

पुलिस इन तीनों आरोपियों से ही रिमांड के दौरान अपनी पूछताछ कर रही है। इनसे कई सारी और जानकारी भी मिली हैं। पुलिस भी इन सब पर अपनी जांच कर रही है। इसमें जल्द ही कोई बड़ा खुलासा किया जा सकता है। -अजीत सिंह शेखावत, एसपी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here