AIN NEWS 1 | पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत के प्रत्यर्पण प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। मेहुल चोकसी इस मामले में दूसरा प्रमुख आरोपी है, जबकि इसका प्रमुख आरोपी उसका भांजा नीरव मोदी है, जो वर्तमान में ब्रिटेन की जेल में बंद है। हालांकि, मेहुल चोकसी को भारत लाना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होगी।
🔹 प्रत्यर्पण के लिए क्या जरूरी है?
रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, लेकिन यह प्रक्रिया काफी समय ले सकती है। मेहुल चोकसी द्वारा भारत में किए गए अपराध को पहले बेल्जियम में भी दंडनीय माना जाना चाहिए। इसका मतलब यह है कि बेल्जियम में उसी अपराध की कानूनी मान्यता होनी चाहिए, जिसे भारत में अपराध माना गया है। यदि ऐसा नहीं होता, तो प्रत्यर्पण प्रक्रिया में अड़चन आ सकती है।
🔹 प्रत्यर्पण की प्रक्रिया क्या है?
प्रत्यर्पण प्रक्रिया में, पहले अपराध की प्रकृति की पहचान की जाती है और इसके बाद कोर्ट गिरफ्तारी का वारंट जारी करती है। इस वारंट के जरिए आरोपी के खिलाफ प्रत्यर्पण अनुरोध किया जाता है, जो तब तक मान्य होता है जब तक आरोपी को उस देश के न्यायिक प्रणाली के तहत मुकदमे का सामना नहीं करना होता। मेहुल चोकसी इस समय बेल्जियम में हिरासत में है, और उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण पर विचार किया जा रहा है।
🔹 क्या भारतीय एजेंसियां विदेश में जाकर मेहुल चोकसी को गिरफ्तार कर सकती हैं?
भारतीय एजेंसियां सीधे विदेश में जाकर मेहुल चोकसी को गिरफ्तार नहीं कर सकतीं। बेल्जियम के कानून के तहत, भारतीय एजेंसियों को वहां की अदालत से मंजूरी प्राप्त करनी होगी। इसके बाद ही उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
Mehul Choksi, the diamond businessman accused of a ₹13,000 crore PNB loan fraud, was arrested in Belgium. His extradition to India is a complex process that involves legal hurdles, as Belgium must recognize the crime as punishable under its laws. Indian agencies cannot arrest him directly in Belgium; they must follow the local legal process and obtain approval from the Belgian court before his extradition can proceed.