Indore Cracks Down on Illegal Colonies, Cancels Registries and Orders Refunds to Buyers
इंदौर में अवैध कॉलोनियों पर सख्त कार्रवाई: भूखंडों की रजिस्ट्री शून्य, खरीदारों को मिलेगा पैसा वापस
AIN NEWS 1: देशभर की तरह मध्यप्रदेश के इंदौर में भी अवैध कॉलोनियों की समस्या तेजी से बढ़ रही है। वर्षों से बगैर सरकारी मंजूरी के कॉलोनाइजर अवैध रूप से प्लॉट बेचते आ रहे हैं और उनकी बाकायदा रजिस्ट्री भी होती रही है। इन कॉलोनियों में लाखों लोग रहते हैं, जहां मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, पानी और बिजली का घोर अभाव है। अब इंदौर जिला प्रशासन ने इस गंभीर समस्या के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री होगी शून्य
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शहर में जो कॉलोनियां अवैध घोषित की जा चुकी हैं या जिनके खिलाफ FIR दर्ज है, उनकी रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया जाएगा। मतलब यह कि उन कॉलोनियों में बेचे गए प्लॉट की रजिस्ट्री अब कानूनी रूप से मान्य नहीं रहेगी। इसके लिए प्रशासन कोर्ट में आवेदन देकर प्रक्रिया की शुरुआत करेगा।
प्लॉट खरीदारों को मिलेगा पैसा वापस
कलेक्टर ने आगे कहा कि इन अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने वाले लोगों को उनके पैसे वापस दिलाए जाएंगे। कॉलोनाइजरों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे खरीदारों से ली गई रकम उन्हें लौटाएं। यह कदम उन लोगों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है जो बिना जानकारी के ऐसी कॉलोनियों में निवेश कर चुके हैं।
क्यों उठाया गया यह कदम?
अवैध कॉलोनियों के कारण शहरी क्षेत्र में अनियोजित विकास होता है, जो भविष्य में गंभीर समस्याओं को जन्म देता है। बगैर स्वीकृति के बसी कॉलोनियों में न सड़क होती है, न सीवरेज सिस्टम और न ही बिजली-पानी की सुविधा। इससे रहवासियों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, शहर की समग्र योजना भी प्रभावित होती है।
FIR और कोर्ट में मामले दर्ज
प्रशासन ने पहले से ही कई अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। कुछ मामलों में कानूनी कार्यवाही भी शुरू हो चुकी है। अब इन्हीं मामलों को आधार बनाकर प्रशासन ने अवैध रजिस्ट्री को समाप्त करने और निवेशकों को न्याय दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
टीएल बैठक में लिया गया निर्णय
सोमवार को हुई समय-सीमा (Time Limit) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान कलेक्टर ने साफ कहा कि इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कोर्ट की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए।
कॉलोनी सेल को दिए गए निर्देश
कलेक्टर आशीष सिंह ने कॉलोनी सेल को निर्देशित किया है कि जिन कॉलोनियों के दस्तावेज कोर्ट में लंबित हैं, या जो पहले ही अवैध घोषित की जा चुकी हैं, वहां रजिस्ट्री शून्य करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जाए। इसके अलावा खरीदारों को पैसा लौटाने की प्रक्रिया भी पारदर्शी तरीके से चलाई जाएगी।
जनहित में लिया गया निर्णय
यह फैसला जनहित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगेगा, बल्कि आने वाले समय में कॉलोनाइजरों की मनमानी भी रुकेगी। प्रशासन का उद्देश्य है कि इंदौर जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर में विकास की प्रक्रिया योजनाबद्ध ढंग से हो और आम जनता को धोखे से बचाया जा सके।
भविष्य के लिए चेतावनी
यह कदम अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण बन सकता है। अगर यह मॉडल सफल रहता है, तो पूरे मध्यप्रदेश में इसे लागू किया जा सकता है। साथ ही, यह निर्णय उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो नियमों को ताक पर रखकर जमीनों की खरीद-बिक्री करते हैं।
In a landmark decision, the Indore administration in Madhya Pradesh has launched a strict crackdown on illegal colonies, ordering the cancellation of land registries and refunds to buyers. This move targets unauthorized plot sales and aims to prevent unplanned urban development. The directive will affect hundreds of illegal settlements across the city, reinforcing the government’s resolve against illegal land transactions and ensuring accountability among colonizers in Madhya Pradesh.