Delhi Police Bans Reels in Uniform: Commissioner Sanjay Arora’s Strict Order
सोशल मीडिया पर वर्दी में रील बनाना बैन: दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा का सख्त आदेश
AIN NEWS 1: दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एक सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब दिल्ली पुलिस का कोई भी कर्मचारी वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर रील या वीडियो नहीं बना सकेगा। यह कदम उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ है जो ड्यूटी की वर्दी में निजी प्रचार या सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि पाने के उद्देश्य से वीडियो और रील्स बनाकर अपलोड करते हैं।
वर्दी केवल ड्यूटी के लिए, प्रदर्शन के लिए नहीं
संजय अरोड़ा के अनुसार, पुलिस की वर्दी एक गरिमामयी पहचान है जो सिर्फ और सिर्फ सरकारी ड्यूटी के दौरान पहनी जाती है। इसे किसी व्यक्तिगत या प्रचारात्मक उद्देश्य से प्रयोग नहीं किया जा सकता। वर्दी का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने के लिए करना न केवल अनुशासन के खिलाफ है, बल्कि यह पुलिस विभाग की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
नए दिशा-निर्देशों के तहत क्या-क्या हुआ प्रतिबंधित?
कमिश्नर द्वारा जारी किए गए नए आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि:
कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी में इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रील या वीडियो नहीं बनाएगा।
यदि किसी को वर्दी में कोई सार्वजनिक कार्यक्रम, इंटरव्यू या सरकारी निर्देश के अनुसार मीडिया से बात करनी हो, तो उसे विभाग से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
वर्दी में कोई भी निजी प्रचार (Personal Branding) या विज्ञापन संबंधित गतिविधियाँ पूर्ण रूप से वर्जित हैं।
उल्लंघन पर होगी सख्त विभागीय कार्रवाई
संजय अरोड़ा ने चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसमें अनुशासनात्मक जांच, सेवा में कटौती और सस्पेंशन जैसे सख्त कदम शामिल हो सकते हैं। पुलिस अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को इस आदेश की जानकारी दें और इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
पिछले कुछ समय में ट्रेंड बना था सोशल मीडिया पर एक्टिव होना
बीते कुछ वर्षों में दिल्ली पुलिस के कई जवानों को वर्दी में डांस वीडियो, मोटिवेशनल स्पीच, स्टाइलिश एंट्री और फिल्मी डायलॉग पर आधारित रील्स बनाते हुए देखा गया। हालांकि इन वीडियोस को जनता का मनोरंजन मिला, लेकिन विभागीय दृष्टिकोण से यह अनुचित माने गए।
विभाग की छवि और अनुशासन सबसे ऊपर
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि सोशल मीडिया पर इस प्रकार की गतिविधियाँ पुलिस की गंभीर और जिम्मेदार छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। वर्दी एक अनुशासित सेवा का प्रतीक है और इसका उपयोग सिर्फ जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए।
सभी पुलिसकर्मियों को मिली निर्देश की प्रति
यह आदेश लिखित रूप में सभी थानों, ट्रैफिक इकाइयों, और अन्य पुलिस विंग्स में भेजा गया है। इसमें सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने-अपने स्तर पर इस आदेश का प्रचार करें और निगरानी भी रखें कि कोई इसका उल्लंघन न करे।
सोशल मीडिया की नीति में संशोधन
यह आदेश दिल्ली पुलिस की सोशल मीडिया नीति का हिस्सा है, जिसे समय-समय पर अद्यतन किया जाता है। नए संशोधन में यह भी जोड़ा गया है कि कोई भी पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर किसी विवादित या असंवेदनशील विषय पर टिप्पणी न करे और ना ही पुलिस विभाग की गोपनीय जानकारी साझा करे।
दिल्ली पुलिस द्वारा लिया गया यह फैसला न केवल विभाग की गरिमा को बनाए रखने के लिए है, बल्कि यह एक उदाहरण भी है कि वर्दीधारी कर्मियों को सोशल मीडिया पर कैसे संयम बरतना चाहिए। पुलिसकर्मी समाज के आदर्श होते हैं और उनका आचरण सार्वजनिक जीवन में अनुकरणीय होना चाहिए। यह आदेश आने वाले समय में अन्य राज्यों की पुलिस इकाइयों के लिए भी एक मार्गदर्शक बन सकता है।
Delhi Police Commissioner Sanjay Arora has announced a strict ban on police personnel making or uploading reels and videos in uniform on social media platforms like Instagram, Facebook, or YouTube. This move comes under the revised Delhi Police social media policy, emphasizing that the police uniform is meant strictly for duty and not for personal publicity or online popularity. Any violation of this directive will invite disciplinary action, reinforcing the professional conduct expected from Delhi Police officers.