AIN NEWS 1 मुरादाबाद: 44 साल से बंद पड़ा गौरी-शंकर मंदिर फिर से खुल गया है, और इस पर रंगाई-पुताई का काम शुरू हो गया है। यह मंदिर 1980 के मुरादाबाद दंगों में पुजारी की हत्या के बाद से बंद था। दंगों के दौरान मंदिर की मूर्तियों को खंडित कर दिया गया था और इसे मलबे में दबा दिया गया था। सोमवार को प्रशासन ने मंदिर का दरवाजा खोलने का निर्णय लिया, और इसके बाद यहां खुदाई की गई, जिसमें देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां मिलीं।
गौरी-शंकर मंदिर मुरादाबाद के नागफनी एरिया में स्थित है। 1980 में हुए दंगे के दौरान मंदिर के पुजारी भीमसेन की हत्या कर दी गई थी, और उनका शव भी नहीं मिला। इसके बाद इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। 10 दिन पहले, पुजारी के पोते ने मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह से मंदिर के कपाट खोलने की अपील की थी। उनके अनुरोध के बाद प्रशासन ने इस मंदिर को फिर से खोलने का निर्णय लिया।
सोमवार को प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच मंदिर में खुदाई कराई। खुदाई के दौरान देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां मलबे में मिलीं, जो दंगों के दौरान नष्ट कर दी गई थीं। इस कदम के बाद मंदिर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को तेज किया गया है। नगर निगम के अधिकारियों ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी ली है। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने भी जिला प्रशासन को पत्र भेजकर मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए अपनी इच्छा जताई थी।
मंगलवार से नगर निगम ने मंदिर की रंगाई और पुताई का कार्य शुरू कर दिया। नगर आयुक्त ने बताया कि रंगाई-पुताई का कार्य जारी है, और इसके बाद बाकी सुधार कार्य भी किए जाएंगे। मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद, एक धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा, और फिर मंदिर को जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
इस बीच, नगीना से आए चित्रकार सुनील कुमार ने मंदिर की दीवारों पर सुंदर कलाकृतियों की शुरुआत की है। नगर आयुक्त का कहना है कि मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद यह स्थल न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि इसका सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ेगा।
गौरी-शंकर मंदिर का पुनर्निर्माण मुरादाबाद की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।