गाज़ियाबाद: एक कारोबारी को पूरे 10 दिन तक रखा गया डिजिटल अरेस्ट, ठग लिए कुल 83 लाख रुपये, ठगी का तरीका जानकर हैरान रह जाएंगे आप?

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AIN NEWS 1 गाजियाबाद: गाजियाबाद में डिजिटल अरेस्ट करके एक व्यापारी से ठगी का सबसे ज्यादा सनसनीखेज मामला सामने आ गया है। इसमें कुछ बदमाशों ने एक कारोबारी को लगभग 10 दिनों तक लगातार डिजिटल अरेस्ट रखने के बाद उससे कुल 83 लाख रुपये ठग लिए। इस पूरे मामले में पीड़ित ने साइबर थाने में अपनी शिकायत दी है। इन आरोपियों ने पीड़ित को आइडेंटिटी थेफ्ट के बारे में कुछ जानकारी देकर वेरिफाई कर उन्हें बचाने के नाम पर उनसे यह रुपये की वसूली की।एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने इस मामले मे बताया कि सूर्य नगर के रहने वाले व्यक्ति की शिकायत पर एक केस दर्ज किया गया है। जिन भी अकाउंट में यह रुपये ट्रांसफर हुए हैं, उनकी पूरी जानकारी बैंकों से मांग ली गई है।

इस दौरान भी फिर वही पार्सल वाला ठगी का तरीका

अपनी शिकायत में गगन सिन्हा ने पुलिस को बताया कि उनके पास इस 24 अप्रैल को एक कॉल आई और कॉल करने वाले ने खुद को एक कुरियर कंपनी से बताया और उनके नाम से एक पार्सल थाईलैंड भेजने की बात भी कही। उस पार्सल मे 400 ग्राम एमडीएम के साथ पासपोर्ट, कपड़े और अन्य सामान होने की भी उसने जानकारी दी गई थी। इसके बाद से इस मामले को ड्रग स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का बताकर साइबर सेल को भेजने की भी जानकारी दी गई।इसके बाद से एक व्यक्ति ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उन को कॉल की और उन्हें एक विडियो कॉल ऐप को उनके फ़ोन पर इंस्टॉल करवाकर उस कॉल पर ले लिया। उन्हें काफी देर तक इस कॉल पर ही रखा गया और उन्हे बताया गया कि उनका मामला आइडेंटिटी थेफ्ट का बन जाता है। इस केस में उनके साथ सीबीआई को भी जोड़ने की बात कही गई। साथ ही उन्होंने एक लेटर भेजकर इस पूरे मामले में उन्हें एक संदिग्ध भी बता दिया। इसके बाद कुछ बैंक अकाउंट उनके नाम पर खुलने की भी जानकारी दी गई। जिससे इनकार करने पर उन्हें इसका वेरिफिकेशन करवाने के लिए कहा गया और यहीं से ही उनके साथ ठगी शुरू हुई।

इसके बाद तीन बार में उनसे ट्रांसफर करवाए 83 लाख 70 हजार रुपये

इसके बाद से ही ठगों ने बताया कि उन्हें उनके अकाउंट से रुपये भेजने होंगे और नोटरी डिपार्टमेंट उस रूपये को चेक करेगा। उन्होंने पहले 24 लाख 92 हजार रुपये इसमें भेजे। इसके बाद उनके अकाउंट में कुछ रुपये और चेक करने की बात भी कही गई तो उन्होंने 26 अप्रैल को 31 लाख 25 हजार रुपये भी भेज दिए। इसके बाद जब आरोपियों ने वह रुपये वापस नहीं किए, लेकिन वह विडियो कॉल पर उन्हें लगातार डराते रहे। इसके बाद 3 मई को दोबारा उन्होंने एक बार फिर नोटरी वेरिफिकेशन के लिए ही 27 लाख 52 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। बाद में सभी के कॉन्‍टेक्ट के बंद होने पर पीड़ित को उसके साथ हुई ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस को इस मामले की सूचना भी दी।

जान ले यह है किसी को डिजिटल अरेस्‍ट का तरीका

यहां हम आपको बता दें डिजिटल अरेस्ट में कॉल करने वाला आपको वीडियो कॉलिंग के जरिए आपकों आपके घर पर ही बंधक बना लेता है। वह आपको पूरी तरह से भरोसा दिला देता है कि आप पर हर वक्त पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही है। डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठगी करने वाले किसी भी सरकारी एजेंसी के अफसर या पुलिस अफसर बनाकर पीड़ि‍त को यह वीडियो कॉल करते हैं। वे लोग कहते हैं कि अगर उनके साथ सहयोग नहीं किया तो आपको थाने लाकर अरेस्‍ट भी कर लेंगे। वे किसी से भी इस बारे में फोन पर कोई बात तक नहीं करने देते। इतना ही नहीं वे बैकग्राउंड में पुलिस स्‍टेशन या किसी सरकारी एजेंसी का ऑफिस तक भी क्रिएट कर लेते हैं ताकि उनके श‍िकार को उनकी बातों पर पूरी तरह से भरोसा हो जाए, जबकि यह सब सिर्फ वर्चुअल या आभासी ही होता है।

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