300 करोड़ के घोटाले का आरोप: BJP छोड़कर लोकदल में गए मनोज धामा, रंजीता धामा ने विधायक पर साधा निशाना
AIN NEWS 1: गाजियाबाद के लोनी नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन मनोज धामा और उनकी पत्नी, वर्तमान चेयरमैन रंजीता धामा, हमेशा विवादों में घिरे रहे हैं। मनोज धामा पर 2022 में 300 करोड़ रुपये के घोटाले का गंभीर आरोप लगा था, जिसमें कहा गया कि नगर पालिका कार्यालय से कई महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गईं। इसके अलावा, उन पर सामूहिक दुष्कर्म का भी मामला दर्ज हुआ था, जिसके चलते उन्हें जेल जाना पड़ा।
BJP छोड़कर लोकदल में शामिल हुए मनोज धामा
घोटाले और दुष्कर्म के आरोपों के बाद, भाजपा ने उन्हें विधानसभा टिकट देने से इनकार कर दिया। टिकट नहीं मिलने पर मनोज धामा और उनकी पत्नी रंजीता धामा ने भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का दामन थाम लिया। इसके बाद 2023 के निकाय चुनाव में रंजीता धामा लोकदल से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
हाल ही में, मनोज धामा पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज हुआ, जिसे उन्होंने राजनीतिक षड्यंत्र बताया। उनका कहना है कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
नगर पालिका घोटाले की जांच और भ्रष्टाचार के आरोप
2022 में जब 300 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ, तब तत्कालीन उप जिलाधिकारी संतोष कुमार राय को जांच की जिम्मेदारी दी गई। आरोप था कि टेंडर की मूल कीमत से अधिक भुगतान कर भ्रष्टाचार किया गया। इस मामले में तत्कालीन पालिका अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता, डीके राय और बाबू सहित अन्य अधिकारियों पर भी आरोप लगाए गए थे।
रंजीता धामा ने BJP नेताओं पर लगाए आरोप
रंजीता धामा ने आरोप लगाया है कि लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भाजपा के अन्य नेताओं के साथ मिलकर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो भी मामले दर्ज हुए हैं, वे राजनीतिक दुश्मनी का परिणाम हैं।
निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन
2017 में हुए निकाय चुनाव में रंजीता धामा को 81,000 वोट मिले थे, जिसमें उन्होंने सपा की उम्मीदवार मेहरीन असद मुखिया को 33,950 वोटों से हराया। हालांकि, 2022 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं।
नगर पालिका में नायब मोहर्रिर से विवाद
नगर पालिका परिषद में तैनात नायब मोहर्रिर तपसी सिंह ने मनोज धामा और रंजीता धामा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि जब वह कार्यालय गए, तो रंजीता धामा ने उन्हें निलंबित करने की धमकी दी। जब तपसी ने इसका विरोध किया, तो मनोज धामा ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
मनोज और रंजीता धामा का राजनीतिक सफर
1. 2005: मनोज धामा ने लोनी नगर पालिका का चुनाव सपा से लड़ा, लेकिन हार गए।
2. 2006: निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा, हार गए।
3. 2008: भाजपा में शामिल हुए।
4. 2012: भाजपा से लोनी में निकाय चुनाव लड़ा और जीत गए।
5. 2017: महिला सीट होने पर पत्नी रंजीता धामा ने भाजपा से चुनाव लड़ा और जीत गईं।
6. 2022: निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं।
7. 2023: लोकदल से निकाय चुनाव लड़ा और जीत गईं।
रंजीता धामा का बयान
रंजीता धामा का कहना है,
“लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर कुछ भाजपा नेताओं के साथ मिलकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। मैंने अपनी बेगुनाही के साक्ष्य संबंधित अधिकारियों को दे दिए हैं।”
मनोज धामा और रंजीता धामा का राजनीतिक करियर विवादों से भरा रहा है। 300 करोड़ रुपये के घोटाले से लेकर सामूहिक दुष्कर्म के आरोप तक, इनका नाम हमेशा सुर्खियों में रहा। भाजपा से निकाले जाने के बाद उन्होंने लोकदल का दामन थामा और 2023 में चुनाव जीता। अब वे भाजपा और लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर पर राजनीतिक षड्यंत्र का आरोप लगा रही हैं।
आगे देखना होगा कि यह मामला किस ओर जाता है और क्या सच में यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है या फिर भ्रष्टाचार का खुलासा।
Manoj Dhama, the former chairman of Loni Nagar Palika Parishad in Ghaziabad, has been accused of a ₹300 crore scam, missing municipal files, and gang rape allegations. He later joined Lok Dal after being denied a BJP ticket for the elections. His wife, Ranjita Dhama, who is the current chairperson, accused Loni MLA Nand Kishor Gurjar of conspiring against them. The case also involves illegal tenders, corruption charges, and a political power struggle in Uttar Pradesh. The Ghaziabad municipal elections have become a battleground between BJP and Lok Dal.