Muslims Do Not Fear Threats, Trust in Allah: Maulana Umrain Mahfooz Rahmani
मुसलमान डरता नहीं, बल्कि अल्लाह पर ऐतबार करता है: मौलाना उमरैण महफूज रहमानी
AIN NEWS 1: हाल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैण महफूज रहमानी ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुसलमान किसी भी धमकी या डराने-धमकाने की कोशिशों से नहीं डरते। उनका कहना है कि मुसलमानों की यह पहचान नहीं है कि वे डर के आगे झुक जाएं। बल्कि वे अल्लाह पर पूरा यकीन रखते हैं और सच्चाई व इंसाफ की राह पर अडिग रहते हैं।
मौलाना रहमानी ने अपने बयान में कहा कि अगर मुसलमानों को डराने की कोशिश की गई, तो सरकार और पुलिस की गोलियां भी कम पड़ जाएंगी। उन्होंने यह बात इस भाव के साथ कही कि मुसलमानों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे किसी भी मुश्किल घड़ी में पीछे नहीं हटते। वे अपनी मंजिल की ओर डटकर आगे बढ़ते हैं और अगर जरूरत पड़ी, तो कुर्बानी देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
मुसलमानों का आत्मविश्वास और हौसला
मौलाना रहमानी का यह बयान केवल एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि मुसलमानों के उस आत्मविश्वास को दर्शाता है जो उन्हें उनके ईमान से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि मुसलमान वह कौम है जो डर और खौफ से ऊपर उठ चुकी है। उनके लिए सबसे बड़ा भरोसा अल्लाह पर होता है और यही उनके साहस की सबसे बड़ी ताकत है।
अल्लाह पर भरोसा ही सबसे बड़ी ताकत
उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि मुसलमानों को जब-जब दबाने या डराने की कोशिश की गई है, उन्होंने हमेशा संयम, हिम्मत और एकता से उसका जवाब दिया है। अल्लाह पर उनका अटूट विश्वास उन्हें वह ताकत देता है जिससे वे हर संकट का सामना कर सकते हैं। उनका कहना था कि मुसलमानों ने हमेशा शांति और इंसाफ के रास्ते को अपनाया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे कमजोर हैं या डर जाएंगे।
कुर्बानी देने का जज़्बा
मौलाना रहमानी ने यह स्पष्ट किया कि अगर हालात बिगड़े और मुसलमानों को मजबूर किया गया, तो वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, “हम कुर्बानी देने को तैयार हैं। हमारे सीने पीछे नहीं हटेंगे। हम अपने हक और इंसाफ की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।”
सरकार और सिस्टम के लिए चेतावनी
यह बयान एक तरह की चेतावनी भी है उन ताकतों के लिए जो मुसलमानों को डराने या डराकर दबाने की कोशिश कर रहे हैं। मौलाना रहमानी का कहना है कि अगर ऐसी ताकतें सोचती हैं कि धमकियों से मुसलमान डर जाएंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पुलिस और सरकार की गोलियां भी कम पड़ सकती हैं, लेकिन मुसलमान पीछे नहीं हटेगा।
मुसलमानों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इतिहास गवाह है कि मुसलमानों ने जब-जब अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है, उन्होंने हिम्मत और हौसले से काम लिया है। चाहे आज़ादी की लड़ाई हो या समाज में किसी भी अन्याय का विरोध, मुसलमानों ने अपनी भूमिका को पूरी तरह निभाया है।
मौलाना उमरैण महफूज रहमानी का यह बयान उन सभी मुसलमानों के लिए प्रेरणा है जो किसी न किसी तरह से भय या दमन का सामना कर रहे हैं। उनका संदेश साफ है – “हम डरते नहीं, हम लड़ते हैं – सच्चाई, इंसाफ और अल्लाह के भरोसे के साथ।”
यह बयान समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देता है कि मुसलमानों को उकसाने या धमकाने के बजाय आपसी भाईचारे, संवाद और समझदारी से काम लेना चाहिए। धर्म, आस्था और संस्कृति की रक्षा सबका अधिकार है – और उसका सम्मान होना चाहिए।
Maulana Umrain Mahfooz Rahmani, the secretary of the All India Muslim Personal Law Board, stated that Muslims are not afraid of any threats. According to him, Muslims place their full trust in Allah and are ready to face any challenge with courage. Even if they have to make sacrifices, they will not back down. This strong statement emphasizes that Muslims have unwavering faith in Allah, are not intimidated by fear, and are willing to stand their ground no matter the situation.