Sambhal MP Ziaur Rahman Accepts Guilt in Illegal Construction Case, Seeks Time to Pay Fine
संभल सांसद जियाउर्रहमान ने अवैध निर्माण में गलती मानी, कोर्ट से मांगा समय और जुर्माना भरने की इच्छा जताई
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क अवैध निर्माण के मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। मामला बिना नगर पालिका से नक्शा पास कराए मकान बनाने का है। इस मुद्दे पर अब तक चुप्पी साधे बैठे सांसद ने पहली बार अपनी गलती स्वीकार की है और कोर्ट से जुर्माना भरने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।
कोर्ट में पेश किया गया प्रार्थना पत्र
सोमवार को एसडीएम कोर्ट में हुई सुनवाई में सांसद के वकील ने एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। इस पत्र में सांसद ने कहा कि वह जुर्माना भरना चाहते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें एक सप्ताह का अतिरिक्त समय चाहिए। इसके अलावा उन्होंने 19 अप्रैल को एसडीएम कोर्ट से जारी वारिसान प्रमाण पत्र के आधार पर नगर पालिका रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने की भी मांग की है। वे चाहते हैं कि उनका नाम पूर्व सांसद और उनके दादा डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की जगह रजिस्टर में लिखा जाए।
पिछले साल से जारी है कानूनी प्रक्रिया
इस मामले की शुरुआत पिछले साल 5 दिसंबर को हुई थी, जब एसडीएम वंदना मिश्रा की ओर से सांसद को पहली नोटिस जारी की गई थी। नोटिस में कहा गया था कि उन्होंने बिना नक्शा पास कराए निर्माण कराया है। इसके बाद से उन्हें कई बार अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन हर बार केवल समय की मांग की जाती रही।
दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच कुल 10 से अधिक बार सुनवाई की तारीखें बढ़ाई गईं। इस बीच प्रशासन ने 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। 14 मई को भी सांसद ने अतिरिक्त समय मांगा, और 26 मई की अंतिम सुनवाई में भी वही रुख अपनाया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 जून को तय की गई है।
संभल हिंसा के बाद प्रशासन हुआ सख्त
गौरतलब है कि पिछले साल संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में सांसद जियाउर्रहमान का भी मामला सामने आया, जिनका मकान बिना अनुमोदन के बना हुआ पाया गया।
कानूनी प्रक्रिया और राजनीतिक दबाव
हालांकि सांसद द्वारा गलती स्वीकार करना एक सकारात्मक पहल माना जा सकता है, लेकिन इससे यह भी साफ होता है कि प्रशासन की कार्रवाई अब प्रभावी रूप से लागू की जा रही है। इस मामले पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है, और इसे कानून के सामने सभी समान होने का संकेत भी माना जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि 3 जून को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट क्या फैसला सुनाती है और सांसद द्वारा मांगे गए समय को स्वीकार करती है या नहीं।
Sambhal MP Ziaur Rahman has accepted responsibility in an illegal construction case for building a house without municipal map approval. The case, which gained attention after the Sambhal violence and subsequent crackdown on unauthorized structures, has now reached a turning point with the MP seeking time from the SDM court to pay the fine and update the municipal records with his name. This incident highlights legal accountability for public representatives and the growing administrative actions against illegal construction in Uttar Pradesh.