अमेरिका में ‘ट्रिपलडेमिक’ से सहमे लोग
अमेरिका में मास्क की हुई वापसी
कोरोना, फ्लू, RSV का कहर
AIN NEWS 1: बता दें अमेरिका में एक बार फिर से लोगों ने मास्क पहनना शुरु कर दिया है। लेकिन इस बार इसकी वजह केवल कोविड-19 नहीं है। कोरोना के साथ साथ इन्फ्लुएंजा और रेस्पिरेटरी सिंटिकल वायरस यानी RSV का खतरा मंडराने से लोग ऐसा करने पर मजबूर हैं। इन तीन वायरसों का प्रकोप अमेरिका के कई शहरों में देखा जा रहा है और इनके आउटब्रेक को वहां ‘ट्रिपलडेमिक’ कहा जा रहा है। इस तिहरे कहर को लेकर लोगों में डर फैल गया है। इसकी वजह है कि बीते 2 हफ्तों के दौरान अमेरिका में कोविड के मामले 56 फीसदी बढ़ गए हैं। वहीं हॉस्पिटलाइजेशन में 24 परसेंट का उछाल आया है। फ्लू से 1.3 करोड़ लोगों के बीमार पड़ने और 7,300 से ज्यादा मौतों की आशंका है। RSV के मामले तो घटे हैं लेकिन इन्फेक्शन की दर काफी ज्यादा है।
अमेरिका में मास्क की हुई वापसी
ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स की मास्क पहनने की सलाह पर लोग अमल कर रहे हैं। कई रिसर्च बताती हैं कि मास्क से कई रेस्पिरेटरी वायरस का ट्रांसमिशन घटाया जा सकता है। 2020 और 2021 की सर्दियों के दौरान अमेरिका में फ्लू और RSV के मामले कम आए क्योंकि उस वक्त लोग मास्क पहन रहे थे। जानकारों को डर है कि इन तीनों वायरस के मामले एक साथ बढ़ने से अस्पतालों में 2020-21 वाला भयावह दौर वापस लौट सकता है। RSV से नवजातों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है। 3 साल के कम उम्र के बच्चों को संक्रमण के बाद सांस लेने में तकलीफ हो सकती है क्योंकि उनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हुए होते हैं। RSV ज्यादातर संक्रमित सतहों से फैलता है। कोविड के मुकाबले RSV से बचाव के लिए हैंडवाशिंग और साफ सतहें ज्यादा जरूरी हैं।