बलरामपुर: थाने के नाम की जमीन को ही कर दिया मजार के नाम जिसमे लेखपाल मो.सईद गिरफ्तार, पूर्व सपा विधायक के खिलाफ भी दर्ज हुआ था केस?

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AIN NEWS 1: बलरामपुर के सादुल्लाहनगर थाने के नाम की जमीन को भी मजार के नाम खतौनी में दर्ज किए जाने के मामले में अब पुलिस ने तत्कालीन लेखपाल को अपनी गिरफ्त मे ले लिया है। पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने इस मामले मे बताया कि जमीन से हेराफेरी करके फर्जी अभिलेखों के आधार पर कब्जाने का एक केस बीते दिनों दर्ज हुआ था, जिसमें पूर्व सपा विधायक आरिफ अनवर हाशमी समेत उनके परिजन व मजार से जुड़ी हुई समिति के सदस्यों को भी नामजद किया गया था। पुलिस की जांच में तत्कालीन लेखपाल की भूमिका भी इस पूरे मामले मे उजागर हुई है।सादुल्लाहनगर थाना परिसर के गाटा संख्या 696 में 18 डिस्मिल जमीन 27 जून 2013 को ही पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने विधायक रहते हुए ही अपने भाई मारुफ अनवर हाशमी को किसी तरह से फर्जी मुत्तवलवी बनाकर मजार शरीफ बाबा शहीदे मिल्लत अब्दुल कुद्दूस शाह रहमतउल्ला अलैह के नाम पर गलत तरीके से राजस्व अभिलेख में भी दर्ज कराया था। इस पूरे मामले के उजागर होने पर डीएम के निर्देश पर ही स्थानीय लेखपाल संतोष कुमार ने एक अप्रैल 2024 को यह दर्ज कराया था। इस पूरे मामले में मुत्तवलवी मारुफ अनवर हाशमी पहले से ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस की जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि मारूफ अनवर हाशमी के प्रार्थना पत्र पर तत्कालीन हलका लेखपाल मो. सईद ने ही खतौनी में हेराफेरी की थी। उसी ने विधायक को लाभ पहुंचाने के लिए इसे मजार के नाम पर जमीन दर्ज कर दिया था। पुलिस ने थाना गैड़ास बुजुर्ग के इटईरामपुर सुब्बनजोत गांव निवासी सेवानिवृत्त लेखपाल मो. सईद को भी गिरफ्तार किया। इस पूरे प्रकरण मे प्रभारी निरीक्षक वीएन सिंह ने बताया कि आरोपित सेवानिवृत्त लेखपाल को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से उन्हे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

अब इस मामले मे बढ़ रहा है जांच का दायरा, बढ़ेगी पूर्व विधायक की भी मुश्किलें

इस दौरान थाने की जमीन हड़पने के मामले में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने भी हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर स्टे हासिल कर रखा है। उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में अपनी दलील पेश की थी कि कोई विधायक राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी आख़िर कैसे कर सकता है। इसी आधार पर ही हाईकोर्ट से उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई थी। अब पुलिस ने इसे राजस्व अभिलेख में नाम परिवर्तन के लिए जिम्मेदार लेखपाल कर जांच को आगे बढ़ा दिया है। इससे पूर्व विधायक की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती हुई दिखाई पड़ रही हैं। इस मामले मे प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि विवेचना से स्थितियां काफ़ी स्पष्ट हो गई हैं। अब इस मामले के अन्य जिम्मेदारों की भी गिरफ्तारी का प्रयास तेज हो गया है।

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